शुक्रवार, २५ ऑक्टोबर, २०१३

चुनाव

मेरी दादी को मारा 
वो शहीद कहलाई
तो पापा चुनकर आये..

पापा को भी मारा 
वो भी शहीद कहेलाये
उसी दयाभावना पर 
हम फिर चूनकर आये ..

मां और दीदी बची है 
उनमेसे कोई मरेगा तो
मै भी चुनकर आवूंगा
प्रधानमंत्री बनुंगा
अन्यथा मेरे रँली की
भीड देखकर ..शरमसे
खुद डूब मरुंगा !

...तुषार नातू !