उपरवाले की लाठी आवाज नही करती
जब सौ पुरे हो जाये तो देर नही करती
इज्जत ,शोहरत की परवाह नही करती
धन दौलत से वो बिल्कुल नही डरती
उतर जाते है नकाब, औकात खोल देती
विकारो के पाश..भोगो का हिसाब लेती
हैवानियात की सारी नींव वो उखाड देती
अहंकार के अंधेपन की आंखे तब खुलती
....तुषार नातू
जब सौ पुरे हो जाये तो देर नही करती
इज्जत ,शोहरत की परवाह नही करती
धन दौलत से वो बिल्कुल नही डरती
उतर जाते है नकाब, औकात खोल देती
विकारो के पाश..भोगो का हिसाब लेती
हैवानियात की सारी नींव वो उखाड देती
अहंकार के अंधेपन की आंखे तब खुलती
....तुषार नातू
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