मंगळवार, २४ डिसेंबर, २०१३

छांये हो आप !



इस कदर तेजी से आये हो ' आप '
दिलोंपे छाये हो ..मन मे समाये हो 
बन गये हो सब नेताओ के ' बाप '

अंधेरेमे भविष्य दिखाये हो 'आप '
बिजली की चमक को ..पानी की 
धारोंको लगाया था किसीने 'श्राप '

भ्रष्टाचारसे जबभी भिडोगे 'आप '
संभालकर देखना ..जमकर रखना
कदम जमिपें.. बिछे पडे है ' साप '

नीती का रास्ता अपनाये हो ' आप '
इंतजार मे है सारे डाकू .... लडाकू
बैचैन हे सारे लेंगे आपका ' नाप '

लोकतंत्र मे नया मोड लाये 'आप '
बरसो तक चल रहा था सबका
सत्ता संपत्ती के लिये बडा ' पाप '

...तुषार नातू !

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