कितने जल्दी बेवफा बन गये ' आप '
दिल्लीवालो को धोका देकर
वफाँ कि मिसांल बनना चाहते हो ' आप '
इमानदारीकी राजनीती का वास्ता
लेकीन झुठ पर झुठ बोले जा रहे हो ' आप '
हवा में अफवाहों के तीर चलाकर
बारबार निशाना बदलकर गुमराह हो रहे है ' आप '
खुद के खेमेंमें में बगावत की बु है
और दुसरों के फंटे में पैर फंसाकर नाच रहे है ' आप '
जिस गंदगी को साफ करने निकल पडे थे
उसी गंदगी का हिस्सा बनकर उसी में खुश पडे है ' आप '
सत्ता के लालच का एक अच्छा नमुना बनकर
हमेशा के लिये किचड में खेलेंगे होली जनता के साथ ' आप "
..तुषार नातू !
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